साहू राम स्वरुप महाविद्यालय
जय हो, जय हो I
धन्य धन्य इसके निर्माता, अपने पूज्य पिता और माता,
निज स्वार्थो से ऊपर उठकर, अपने पुण्य प्रारब्ध प्रातः:
हर नारी इस महा-देश की, विकसित बुद्धि विराट हृदय हो I
साहू राम स्वरुप महाविद्यालय
जय हो, जय हो I
यही कामना रहे हमारी, पढ़े लिखे कन्यायें सारी
ज्ञानालोकित करे धरा को, महका दे घर की फुलवारी
विश्वपटल पर दिशा दिशा मे शिक्षित नारी शक्ति उदय हो
साहू राम स्वरुप महाविद्यालय
जय हो, जय हो I
स्त्रीमूला नव संस्कृति हो, दूर द्रष्टि से कर्मठ गति हो
समय शोध हो मूल्य- बोध हो, मृदु मानवता के झंकृति हो
बुद्धि-विवेक, ज्ञान-स्तम्भ पर, लहर मे अंतरलय हो
साहू राम स्वरुप महाविद्यालय
जय हो, जय हो I