निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति कौ मूल ।
विन निज भाषा ज्ञान के, मिटे ना हिय कौ शूल ।।
भाषा चिंतन, विचार एवं भावों को संप्रेषित करने का एक सशक्त माध्यम हैl यह देश में समानता, एकरूपता एवं राष्ट्रीयता का बीजारोपण करने में सक्षम है। भारत की राष्ट्रीय भाषा हिंदी देश की अस्मिता, सम्मान तथा गौरव की यशोगाथा को प्रत्येक भारतीय के हृदय में समाहित करती है। यह भाषा भारतीय संस्कृति, संस्कार, धर्म, दर्शन तथा साहित्य को व्यक्त करने का सशक्त माध्यम है। महाविद्यालय में 1965 से संचालित हिंदी विभाग सुश्री कमला पांडे की अध्यक्षता में पल्लवित हुआ तथा तब से अब तक सुचारू रूप से कार्यरत है।
विभागीय दृष्टि-
- हम जाति, वर्ग, जाति, लिंग, सामाजिक, आर्थिक स्थिति या किसी अन्य प्रकार के भेदभाव का पक्षपात नहीं करते हैं।
- छात्राओं की हिन्दी साहित्य में रुचि जाग्रत करने, जागरूक नागरिक बनने और देश के पर्यावरण और विरासत के बारे में जागरूक होने के लिए प्रेरित करते हैं ।
- हम शिक्षा और व्यक्तिगत विकास के माध्यम से आत्म वृद्धि के लिए छात्र को प्रोत्साहित करते हैं।
विभाग का शैक्षिक उद्देश्य-
- हिन्दी परिषद के तत्वावधान मे अतिथि व्याख्यान, वर्ग पहेली प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, स्वरचित कविता लेखन प्रतियोगिता तथा कविता पाठ प्रतियोगिता जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जो इस विषय से संबंधित छात्राओं का ज्ञानावर्धन कर उनके अंतस् में विद्यमान सृजनात्मकता को बाह्य जगत से संबद्ध कर राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने हेतु प्रेरित करते हैं। उनकी क्षमताओं को निखारने हेतु विभाग की शिक्षिकाएं सदैव कटिबद्ध रहती हैं।
- भाषा कौशल में सुधार, कक्षा व्याख्यान, सेमिनार और लिखित असाइनमेंट के मूल्यांकन के माध्यम से विश्लेषणात्मक क्षमताओं का विकास।
- विषय का पूर्ण ज्ञान और वास्तविक दुनिया में इसकी प्रयोज्यता के साथ योग्य और प्रेरित छात्राओं को समाज और देश की सेवा करने और विषय में उच्च गुणवत्ता के अनुसंधान को बढ़ाने हेतु उत्प्रेरित करना।
- हम छात्रों को आलोचनात्मक सोच विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, ताकि वे जारी की गई नीतियों और तर्कशक्ति को घरेलू और वैश्विक अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन का आकलन करने में सक्षम हो ।